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उत्तराखंड के दो आईएएस अधिकारियों को भारत सरकार में संयुक्त सचिव का दर्जा

उत्तराखंड कैडर के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. राघव लंगर और ज्योति यादव का चयन भारत सरकार में संयुक्त सचिव (Joint Secretary)स्तर पर हुआ है। यह राज्य के प्रशासनिक सेवा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली ACC कैबिनेट समिति ने इस संबंध में आदेश जारी किया, जिसमें सिर्फ 16 अधिकारियों को ही संयुक्त सचिव पद के लिए इंपैनल किया गया। इस सूची में उत्तराखंड के दो अधिकारियों का शामिल होना राज्य के लिए गर्व की बात है।

डॉ. राघव लंगर: एक तेजतर्रार और कुशल प्रशासक

आईएएस डॉ. राघव लंगर (बैच 2009) उत्तराखंड और अन्य राज्यों में अपनी उत्कृष्ट प्रशासनिक सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उच्च शिक्षा के अपर सचिव, और नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

डॉ. लंगर की पहचान एक कर्मठ, सख्त लेकिन जनहितैषी अधिकारी के रूप में रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मंडल आयुक्त (जम्मू), पुलवामा और कठुआ के जिलाधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। उनकी कार्यशैली प्रशासनिक मजबूती और प्रभावी नीतियों के लिए जानी जाती है।

वर्तमान में, डॉ. राघव लंगर जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति संयुक्त सचिव के रूप में उनके प्रशासनिक कौशल और मजबूत नेतृत्व का प्रमाण है।

 

आईएएस ज्योति यादव को भी संयुक्त सचिव का दर्जा

आईएएस ज्योति यादव (बैच 2009) भी टिहरी जिले की जिलाधिकारी रह चुकी हैं। उनकी प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए 2018 में उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में निदेशक पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। अब उनका नाम भी भारत सरकार के संयुक्त सचिव पद के लिए इंपैनल अधिकारियों में शामिल किया गया है।

 

उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण

आईएएस डॉ. राघव लंगर और ज्योति यादव दोनों का भारत सरकार में संयुक्त सचिव पद पर चयन उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की काबिलियत और मेहनत का प्रमाण है। दोनों अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर चुके हैं और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं देंगे।

राज्य के नागरिकों और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों को इन दोनों आईएएस अधिकारियों की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर गर्व है। उनके अनुभव और नेतृत्व से देश को प्रशासनिक मजबूती मिलेगी।

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