देहरादून — उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र तुंगनाथ मंदिर की डोली यात्रा के दौरान वन विभाग के एक कदम ने भक्तों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचाया। हाल ही में वन विभाग द्वारा डोली के पारंपरिक मार्ग पर टेंट लगाकर रास्ता बंद कर देने से भगवान तुंगनाथ की डोली कुछ समय के लिए रुक गई। यह अवरोध न केवल भक्तों के लिए असहनीय था, बल्कि उनके आक्रोश का भी कारण बना।
डोली यात्रा में अवरोध से भक्तों में नाराजगी
रास्ता बंद होने के कारण भगवान तुंगनाथ की डोली कई घंटों तक रुकी रही, जिससे भक्तों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस अवरोध के कारण भक्तों ने डोली को कंधे पर ही संभाले रखा और डोली अगले पड़ाव पर नहीं बढ़ सकी। डोली को अपने कंधों पर उठाए हुए भक्तों का धैर्य परीक्षण में था, लेकिन उनकी श्रद्धा और समर्पण में कोई कमी नहीं आई। आखिरकार, घंटों के इंतजार के बाद, डोली को दूसरे मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया, जिससे यात्रा आगे बढ़ पाई।
समर्थकों में बढ़ता आक्रोश
वन विभाग द्वारा यात्रा मार्ग अवरुद्ध करने पर स्थानीय निवासियों और भक्तों में भारी असंतोष देखा गया। लोगों ने इसे भगवान की डोली के प्रति अनादर मानते हुए इसे अस्वीकार्य ठहराया है। उनके अनुसार, ऐसी पारंपरिक और धार्मिक यात्राओं में अवरोध उत्पन्न करना गलत है, और यह भावनाओं को आहत करने का मामला है।
आवश्यकता है उचित समाधान की
स्थानीय समुदाय और भक्तों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और वन विभाग से मांग की है कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति न उत्पन्न हो। भक्तों का कहना है कि तुंगनाथ जैसे धार्मिक स्थल की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यात्रा मार्गों का सम्मान किया जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।