उत्तराखंड में पुलिस विभाग के नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। पिछले साल 30 नवंबर को 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार को प्रदेश के 12वें कार्यकारी डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया था। यह नियुक्ति उस समय के नियमों के तहत की गई थी, जिसमें कहा गया था कि जिन राज्यों में डीजी रैंक के अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारियों को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कई राज्यों को फटकार लगाई थी, जिसके बाद उत्तराखंड में भी नियमित डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए प्रदेश के सात पुलिस अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए थे। तीन दिन पहले, डीजीपी के चुनाव के लिए डीपीसी (विकास प्रक्रिया समिति) की बैठक हुई, जिसमें तीन अधिकारियों के नाम शासन को भेजे गए हैं।
चर्चा के अनुसार, इस बार डीजीपी की दौड़ में तीन अधिकारी सबसे आगे माने जा रहे हैं। इनमें 1995 बैच के आईपीएस दीपम सेठ, डॉ. पीवीके प्रसाद, और 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार के नाम शामिल हैं। हालांकि, मौजूदा डीजीपी अभिनव कुमार का नाम इस सूची में सबसे चर्चा से बाहर नजर आ रहा है। इसके अलावा 1997 बैच के अधिकारी अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरुगेशन, संजय कुमार गुंज्याल और 1998 बैच के अधिकारी एपी अंशुमान भी इस सूची में शामिल हैं।
अब देखना यह होगा कि किस अधिकारी का पलड़ा भारी रहता है और प्रदेश का अगला डीजीपी कौन बनता है।