
देश की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मिलेगी नई दिशा
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) भारत में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा संस्थानों और चिकित्सा पेशेवरों को नियंत्रित करने वाली शीर्ष नियामक संस्था है। यह 2020 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के तहत मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के स्थान पर स्थापित किया गया था। NMC का मुख्य कार्य देशभर के निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन एवं ग्रेडिंग करना तथा गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा इस आयोग के एक्स-ऑफिशियो अध्यक्ष हैं।
डॉ. राघव लंगर: डॉक्टर से ब्यूरोक्रेट तक का सफर
डॉ. राघव लंगर 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और उत्तराखंड कैडर से आते हैं। वह वर्तमान में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय में निदेशक पद पर कार्यरत थे।
शैक्षिक पृष्ठभूमि
- गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, जम्मू से MBBS
प्रशासनिक अनुभव
डॉ. लंगर ने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है, जिनमें शामिल हैं:
- जम्मू कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर (COVID-19 महामारी के दौरान प्रभावी नेतृत्व)
- जिलाधिकारी, कटुआ और पुलवामा (J&K)
- जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी
- नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक
- उत्तराखंड उच्च शिक्षा विभाग में अपर सचिव
मेडिकल समुदाय ने सराहा फैसला
देशभर के चिकित्सा समुदाय ने एक अनुभवी डॉक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारी को NMC का सचिव नियुक्त किए जाने के फैसले की सराहना की है। उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव और चिकित्सा पृष्ठभूमि को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि उनके नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में अहम सुधार होंगे।