अल्मोड़ा, उत्तराखंड: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सोमवार को एक भयानक सड़क हादसे में 36 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। मार्चुला क्षेत्र में एक यात्री बस खाई में गिरने से यह हादसा हुआ। घटना के बाद से ही मौके पर राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक में डाल दिया है, और स्थानीय प्रशासन ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम प्राथमिकता के साथ किया है।
हादसे का विवरण
हादसा अल्मोड़ा के मार्चुला इलाके के पास हुआ, जहां यात्रियों से भरी एक बस नदी में जा गिरी। दुर्घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। बस में करीब 55 यात्री सवार थे, जबकि बस की क्षमता 42 सीटों की थी। जैसे ही बस मार्चुला के पास सारड बैंड पर पहुंची, अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई, और घायलों ने ही इस घटना की सूचना दूसरों तक पहुंचाई।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन की टीम ने मिलकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। बस के अंदर फंसे शवों को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, और घायलों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया गया। अल्मोड़ा के एसएसपी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की। प्रशासन ने बताया कि घायलों की संख्या अधिक होने के कारण सभी को शीघ्रता से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, और गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि “जनपद अल्मोड़ा के मार्चुला में हुए दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन को तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं, और SDRF की टीमें मौके पर तेजी से कार्य कर रही हैं।” मुख्यमंत्री ने गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट करने की संभावना पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए सड़क हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं।” उन्होंने इस दुखद घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है, जबकि घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है।
भयावह मंजर और राहत कार्यों की चुनौतियाँ
हादसे के बाद घटनास्थल पर का दृश्य अत्यंत भयावह था। बस के चारों ओर शव बिखरे पड़े थे, और नदी में शवों का ढेर लग गया था। मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया कि बस में सवार कई यात्री तुरंत मौके पर ही दम तोड़ चुके थे, जबकि अन्य लोग खाई में गिरने से बस से छिटक गए। बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के अनुसार, बस से शवों को निकालने में काफी कठिनाई हुई क्योंकि बस में अधिक यात्री थे और बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
बस की स्थिति और हादसे का कारण
बताया गया है कि दुर्घटनाग्रस्त बस यूजर्स कंपनी की थी और यह नैनीडांडा के किनाथ से रामनगर जा रही थी। हालांकि बस की सीटों की क्षमता 42 थी, लेकिन इसमें 55 से अधिक यात्री सवार थे, जो हादसे का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। दुर्घटना का सटीक कारण अभी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस अनियंत्रित होकर खाई में गिरी थी।
निष्कर्ष
अल्मोड़ा का यह हादसा उत्तराखंड के लिए एक बड़ी त्रासदी है और प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर रहा है। इस हादसे से जहां प्रदेश में शोक की लहर है, वहीं प्रशासन ने आगे की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा शोक संदेश और सहायता राशि की घोषणा से प्रभावित परिवारों को संबल मिलेगा।