उत्तराखंड में डीजीपी पद की नियुक्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यरत अभिनव कुमार का नाम यूपीएससी पैनल में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी पुष्टि गृह सचिव शैलेश बगौली ने की है। राज्य में स्थाई डीजीपी पद के लिए अभिनव कुमार का नाम पहले से चर्चा में था, लेकिन यूपीएससी ने उनके नाम को पैनल में नहीं रखा।
अभिनव कुमार का नाम क्यों नहीं शामिल हुआ?
अभिनव कुमार उत्तराखंड में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे, जिसके चलते उन्हें स्थाई डीजीपी पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा था। 30 सितंबर को दिल्ली में हुई यूपीएससी की डीपीसी बैठक में उत्तराखंड सरकार द्वारा भेजे गए सात वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों में अभिनव कुमार का नाम भी था। राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी इस बैठक में शामिल थीं। हालांकि, यूपीएससी ने उत्तर प्रदेश कैडर से संबंधित होने के कारण उनके नाम को पैनल में शामिल करने से इंकार कर दिया।
तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अब दौड़ में
अब डीजीपी पद के लिए जिन तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम पैनल में भेजे गए हैं, उनमें दीपम सेठ, पीवीके प्रसाद और अमित सिन्हा का नाम प्रमुख है। दीपम सेठ फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि पीवीके प्रसाद राज्य में एडीजी के पद पर काम कर रहे हैं। अमित सिन्हा वर्तमान में विशेष प्रमुख सचिव (खेल) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और साथ ही पुलिस मुख्यालय में एडमिन की भी जिम्मेदारी उन्हीं के पास है।
धामी सरकार करेगी अंतिम निर्णय
अब धामी सरकार को यूपीएससी द्वारा भेजे गए पैनल में से किसी एक अधिकारी को डीजीपी पद के लिए चुनना होगा। तय प्रक्रिया के अनुसार, सरकार इन्हीं तीन अधिकारियों में से एक को राज्य का डीजीपी नियुक्त करेगी। फिलहाल सरकार द्वारा विधिक पहलुओं का परीक्षण किया जा रहा है, और यूपीएससी द्वारा भेजे गए नामों की समीक्षा भी हो सकती है। हालांकि, संशोधन की संभावना काफी कम मानी जा रही है, और जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस नियुक्ति को लेकर राज्य में खासा उत्साह है और अब सभी की नजरें धामी सरकार के अगले कदम पर हैं।