अल्मोड़ा से देहरादून के बीच लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई हेली सेवा का संचालन पहले ही दिन के बाद लड़खड़ाने लगा है। गुरुवार, 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सेवा का शुभारंभ किया था, लेकिन अगले ही दिन शुक्रवार को 11 सीटर हेलीकॉप्टर में अल्मोड़ा से देहरादून जाने के लिए केवल एक ही यात्री मिला, जबकि वापसी में हेलीकॉप्टर पूरी तरह खाली रहा। इस स्थिति ने नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और पवन हंस कंपनी के अधिकारियों को मायूस कर दिया है।
गुरुवार को शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि अल्मोड़ा-देहरादून हेली सेवा राज्य के पर्यटन, रोजगार और आर्थिकी को बढ़ावा देगी। उन्होंने उड़ान योजना के तहत राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी की दिशा में इस सेवा को महत्वपूर्ण कदम बताया। अल्मोड़ा के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का भी उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई थी कि हेली सेवा से इस क्षेत्र की मातृशक्ति को उनके उत्पादों की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, हेली सेवा शुरू होने के बाद से ही किराए को लेकर आम जनता में संदेह था। प्रति व्यक्ति ₹4,989 का किराया ज्यादातर लोगों के लिए महंगा माना जा रहा है। इस सेवा का उद्देश्य यात्रा को आसान और तेज बनाना था, जहां सड़क मार्ग से देहरादून तक की यात्रा में अधिक समय लगता था। लेकिन दूसरे ही दिन यात्रियों की कमी ने इस सेवा के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हेली सेवा को सफल बनाने के लिए पिछले 15 साल से प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन अभी तक अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। फिलहाल, अगर इसी तरह यात्रियों की संख्या कम बनी रही तो हेली सेवा का नियमित संचालन चुनौती बन सकता है।
अल्मोड़ा-देहरादून हेली सेवा के शुभारंभ के बाद सरकार को अब यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इस सेवा का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो सके। अन्यथा, हेली सेवा कुछ ही दिनों में बंद होने का खतरा झेल सकती है, जैसा कि पहले भी कई योजनाओं के साथ हुआ है।